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तेरी यादें

तेरे ख़यालों में मैं अपनी दुनिया सजाता गया,
जब तुझे मेरा ख्याल आया तो वक़्त गुजर गया|

सर्दियो की रातों में तू ठंड बनकर थी मेरे पास,
कभी तो सामने आएगी जिंदगी की एक मीठी सी प्यास|
कँपकँपाते हाथो से तेरा एहसास छू जाता गया,
जब तुझे मेरा ख्याल आया तो वक़्त गुजर गया|

सर्दी गयी बसंत आया पेड़ पौधे हरे हो गये,
तुम भीनी सी खुशबू बनकर फूल में समा गये|
एक भँवरा पंख फैलाए फूल पे मंडराता रहा,
जब तुझे मेरा ख्याल आया तो वक़्त गुजर गया|

अंगारे बनकर बरशे ऐसे गर्मी के मौसम में तुम,
लाल पीले हो गये थे यादों के गुस्से में तुम|
तेरी यादों के अंगारों में बदन मेरा जलता गया,
जब तुझे मेरा ख्याल आया तो वक़्त गुजर सा गया|

आँखों के आँसू बनकर तुम फिर आए बरसात में,
बिजली दिल में गिरी ऐसे टूट गया मैं ख्वाब में|
कड़कड़ाती बिजली के साथ तेरा साया मुझे रुला गया,
जब तुझे मेरा ख्याल आया तो वक़्त गुजर गया|

टूट के ऐसे बिखर गया तेरे ख़यालों में मैं,
श्राध जैसे हो रहा एहसास ऐसा होने लगा|
पूर्णिमा को भी अब तो मुझको अमावस लगने लगा,
जब तुझे मेरा ख्याल आया तो वक़्त गुजर गया|

Submitted By: Shiv Charan on 30 -May-2013 | View: 3152

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