ममता की किरण
सुबह की जो पहली खुशबू मुझतक आती है,
वो शायद माँ के प्यार से शुरु हो पाती है.!
युही नही मुझे निँद से जगाने,
ममता की किरण मुझतक सूरज से पहले आती है..!
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मेरे माथे पर हाथ फिरोये जब माँ मुझे जगाती है,
मेरे दिन की शुरुवात तभी से अच्छीहो जाती है.!
पलको पर नये नये सपने जाग जाते है...
क्योँकी ममता की किरण मुझतक सूरज से पहले आती है..!
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रोने पर मेरे, आंचल बन जाती है,
मेरे हसते ही अपने आँखो मे नमी सी पाती है.!
धूप मे साया और काटो मे फुल बन जाती है,
चार दिवारो को आसानी से घर बनाती है..!
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घर का सारा काम निपटाकर,
कभी टिचर कभी सहेली बन जाती है.!
आवाज मे एक गहरी मिठास लाकर,
मेरी खुशियोँ के गीत गुनगुनाती है.!
युही नही मुझे निँद से जगाने,
ममता की किरण मुझतक सूरज से पहले आती है..!
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तेरा साथ पाकर माँ मैँ दुनिया सवार दूँ..
तुझ पे मेरी सारी खुशियाँ निसार दूँ..
तू एक हसीँ मांगे, मैँ तुझे हजार दूँ..
माँ तेरे प्यार मे सारी जिँदगी गुजार दूँ..!
....VaibhaV
Submitted By: Vaibhav on 12 -Dec-2012 | View: 9645
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