RIP Pradhyuman
सवेरे जगा कर नींद से
अपने हाथो नाश्ता खिलाया होगा
छोड़ स्कूल के दरवाजे पिता ने
प्यार से हाथ हिलाया होगा
बेटा मेरा मेहफूज है वहां
माँ ने दिल को समझाया होगा
क्या बीती होगी उस माँ पर
जब फ़ोन स्कूल से आया होगा
भागते हूए स्कूल की तरफ
एक एक कदम ढ़गमागया होगा
क्या गुजरा होगा दिल पर पिता के
इस हाल में जब उसे पाया होगा
उस जानवर ने जब उसे दबोचा होगा
वो कितना छटपटाया होगा
नाम उसकी जबान पर
माँ बाप का आया होगा
उस मासूम को यू बेरहमी से मारते
क्या एक पल भी ना वो थरथराया होगा
कैसे ज़ियेंगे माँ बाप उसके
ये ख्याल भी ना दिल में आया होगा
बिखर गए होंगे वो बदकिसमत माँ बाप
जब उसे आखिरी बार सीने से लगाया होगा
लौटेगा नहीं कभी वापिस वो
कैसे खुद को समझाया होगा
RIP Pradhyuman
Submitted By: Shiv Charan on 19 -Sep-2017 | View: 1334
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