तो क्या करोगे...?
जंग के लिए तैयार है हर इंसान
पर तीर ही रिश्वत मांगे, तो क्या करोगे...?
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मानता हूँ पहचान है तुम्हारी हर परीँदे से
लेकीन तुमको ही उडना पडे, तो क्या करोगे...?
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महज हवा से लौ तुम्हारी डगमगा उठी
संदेशा तुफान का आएगा, तो क्या करोगे...?
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दौडती जिंदगी मे समय का हिसाब भी रखा करो
वक्त ने किश्ते लागू किए, तो क्या करोगे...?
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तनख्वाह इतनी नहीँ की खरीद सके हर सुख
पर खुशियाँ ही महंगी हुई, तो क्या करोगे...?
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जिँदगी के मेहमान को यु कोस रहे हो
मौत का फरीश्ता आएगा, तो क्या करोगे...?
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वैभव...
Submitted By: Vaibhav on 08 -Sep-2013 | View: 3458
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