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लोकतंत्र की भाषा

एक बार फिर पूछ रहा है,
आम आदमी फिर से तुमको |
लोकतंत्र की भाषा क्या है,
बतला दो फिर से हमको |

अंग्रेज़ो ने शासन छोड़ा,
लोकतंत्र के आने से |
गाँधी, नेहरू रण में कूदे,
इनके अत्याचारों से |
भगत सिह आज़ाद हिंद फौज,
सीना ताने खड़े हुए,
एक बार फिर याद दिला दो |
लोकतंत्र के हत्यारों को |
लोकतंत्र की भाषा क्या है,
बतला दो फिर से हमको |

फिर से वही कहानी हमको,
दोहरानी क्यो पड़ती है |
झुटे मक्कारों को फिर ये,
याद दिलानी पड़ती है |
सम्मान करो सिंहासन का,
जनता ने तुम्हे बिठाया है |
सिंहासन फिर डोल उठेगा,
प्रजातंत्र जो आया है |
लोकतंत्र की भाषा क्या है,
बतला दो फिर से हमको |

संविधान को भूल गये क्या,
अधिकार हमारे ले बैठे |
गुमराह करके जनता को,
घोटाला सरकार बना बैठे |
याद आए अधिकार वही फिर,
संविधान में लिखे है जो |
नायक बन के आम आदमी,
पुकार रहा है जन-जन को |
लोकतंत्र की भाषा क्या है,
बतला दो फिर से हमको |

एक बार स्वतन्त्र भारत का,
नारा फिर से बुलंद करो |
जाग उठो ऐ देशवशियो,
प्रजातंत्र फिर खड़ा करो |
देश का दामन थमाएँगे अब,
स्वच्छ छवि के नेता को |
आम आदमी बनाएँगे हम,
पहले भ्रस्ट नेताओं को |
लोकतंत्र की भाषा क्या है,
बतला देंगे हम इन सबको |

अन्ना कूदे गाँधी की राह,
लोग करोड़ो जुड़े रहे |
आम आदमी पार्टी बनके,
देश के सम्मुख खड़े हुए |
चला दिया झाड़ू का जादू,
होकर बेखौफ़ लड़ने को |
सभी भाँप गये इस कदर फिर
आम आदमी की ताक़त को |
लोकतंत्र की भाषा क्या है,
बतला देंगे हम इन सबको |

Submitted By: Shiv Charan on 08 -Jan-2014 | View: 3735

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