अगर तू मेरा नहीं तो मुझको दिखाई न दिया कर
हर बार मुझे जख्म-ए- जुदाई न दिया कर,
अगर तू मेरा नहीं तो मुझको दिखाई न दिया कर
सच झूठ तेरी आँख से हो जाता है ज़ाहिर,
कसम न उठा इतनी सफाई न दिया कर
मालूम है तू रहता है अब मुझसे गुरेजां,
पास आ के मोहब्बत की दुहाई न दिया कर...!!
Submitted By: Vikram on 16 -Apr-2013 | View: 1684
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